स्टेशन मास्टर से 12 घंटे ड्यूटी करने की तैयारी
यूनियन ने किया कड़ा विरोध
गंगापुर सिटी। रेलवे स्टेशन मास्टर से 8 घंटे की जगह 12 घंटे ड्यूटी कराने एवं नाइट ड्यूटी बंद करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए पश्चिम मध्य रेलवे में जॉब एनालिसिस के आदेश दे दिए हैं। रेल कर्मचारियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि करुणा के चलते हुए आर्थिक घाटे से निपटने के लिए रेलवे द्वारा यह कवायद की जा रही है। जॉब एनालिसिस के लिए रेलवे ने एक कमेटी का गठन भी किया है। कमेटी द्वारा सहायक स्टेशन मास्टर स्टेशन मास्टर और कांटे वाले संवर्ग का एच ओ ई आर का वर्गीकरण स्थाई रूप से सी कैटेगरी से करने का विश्लेषण किया जाएगा। इस फरमान को जारी होते ही रेल कर्मचारियों में विरोध पैदा हो गया है।
वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर कड़ा विरोध जताया है। यूनियन का कहना है कि महामारी के दौरान विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे स्टेशन मास्टर परिचालन से जुड़े कर्मचारियों ने लगातार कार्य किया और इसी का परिणाम है कि कोरोना काल में भी मालगाडिय़ों में रेलवे की रिकॉर्ड तोड़ आय हुई। इसके बावजूद रेल प्रशासन नए-नए आदेश जारी कर रेलवे स्टेशन मास्टर वीर कर्मचारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने में लगा है।
यूनियन की यातायात शाखा के सचिव हरिप्रसाद मीणा शाखा के कार्यकारी अध्यक्ष आर पी मंगल, मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन, मंडल सह सचिव श्रीप्रकाश शर्मा, शाखा पदाधिकारी अशोक गुप्ता, रामकेश मीणा, भंवर सिंह मीणा ने कहा कि स्टेशन स्टॉफ स्टेशन मास्टर पॉइंटमैन कैटेगरी के साथ में यदि रेल प्रशासन ने किसी भी प्रकार की ज्यादती की तो हम आंदोलन करेंगे। अभी कोरोना काल में जॉब एनालिसिस करने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि जॉब एनालिसिस सामान्य परिस्थितियों में किया जाता है और इसी के बाद उनका रोस्टर आदि तय किया जाता है जो पूर्व में हो चुका है। कोई भी अधिकारी मनमाने तरीके से कर्मचारियों के ड्यूटी रोस्टर को नहीं बदल सकता। यदि किसी भी प्रकार षड्यंत्रपूर्वक स्टेशन मास्टरों का ड्यूटी रोस्टर बदल कर 12 घंटे ड्यूटी करने का प्रयास किया गया तो यूनियन बड़े से बड़ा आंदोलन करने को तैयार है।