Creative Public School में सेमीनार: कृषि शिक्षा में बेहतर भविष्य

-कृषि शिक्षा के विद्यार्थियों ने लिया भाग
गंगापुरसिटी।
क्रिएटिव पब्लिक स्कूल (Creative Public School) की ओर से संचालित क्रिएटिव एग्रीकल्चर एकेडमी में ‘भारत में कक्षा 12वीं के बाद कृषि विज्ञान का भविष्य एवं कैरियर निर्माण’ विषय पर सेमीनार आयोजित की गई। मुख्य अतिथि स्व. मूलचन्द मीना कृषि कॉलेज लालसोट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सागर कुमार शर्मा थे। विशिष्ठ अतिथि के रूप में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मनोहरथाना के प्रधानाचार्य बाबूलाल मीना ने भाग लिया। अध्यक्षता क्रिएटिव पब्लिक स्कूल (Creative Public School) की प्रधानाचार्या नीलम अग्रवाल ने की। संचालन वाइस प्रिंसीपल नीरज मिश्रा ने किया। मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर सेमिनार की शुरूआत की। क्रिएटिवपब्लिक स्कूल (Creative Public School) के प्रशासनिक निदेशक महेंद्र शर्मा ने अतिथियों का परिचय कराया। सेमिनार मे कृषि शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों ने कृषि शिक्षा के माध्यम से अपने भविष्य एवं कैरियर निर्माण पर खुली चर्चा करते हुए कृषि शिक्षा के सम्बन्ध में उपस्थित विशेषज्ञों से प्रश्न पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान किया।

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प्रशासनिक निदेशक महेंद्र शर्मा ने बताया कि मुख्य अतिथि डॉ. सागर कुमार शर्मा क्रिएटिव पब्लिक स्कूल (Creative Public School) के विद्यार्थी रहे हैं। उन्होंने कृषि शिक्षा में बीएससी, एमएससी एवं पीएचडी कर कृषि शिक्षा पर आधारित राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अब तक 13 शोध पत्र का वाचन किए हैं तथा एक पुस्तक का लेखन किया है। इस मौके पर मुख्य अतिथि ने कृषि शिक्षा के स्वर्णिम भविष्य के बारे मेें जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान समय में कृषि केवल पारम्परिक किसानों के लिए ही नहीं है, वरन इस क्षेत्र में आजकल युवा भी अपना कैरियर बना रहे हैं। इस क्षेत्र में रोजगार के लिए नए व आधुनिक तरीके से फसलों की खेती करके कृषि उत्पादों की मार्केटिंग करके युवा अपना बेहतर भविष्य बना रहे है। उन्होंने कृषि शिक्षा में बीएससी, एमएससी एवं पीएचडी की जानकारी देते हुए इससे सम्बन्धित विभिन्न प्रतियोगिताओं जेईटी, आईसीएआर एवं बीएचयू आदि के बारे में भी विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण जानकारी देकर सफलता के टिप्स शेयर किए।

विशिष्ठ अतिथि प्रधानाचार्य बाबूलाल मीना ने भी कृषि शिक्षा के भविष्य को बेहतर बताते हुए कहा कि वर्तमान में केन्द्र व राज्य सरकार भी कृषि शिक्षा को बहुत अधिक महत्व देकर कृषि विद्यालयों व महाविद्यालयों की स्थापना कर रही है, जिसमें कृषि शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों को ही शिक्षक व प्रोफेसर पद पर नियुक्ति दी जाएगी। प्रधानाचार्या नीलम अग्रवाल ने कृषि शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों को बागवानी, दूध डेयरी, मधुमक्खी पालन आदि व्यवसायों के बारे में जानकारी प्रदान की। क्रिएटिव ग्रुप ऑफ एज्युकेशन के प्रशासक डॉ. दीपक राज ने कहा कि कृषि शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों को प्रायोगिक कार्य करने के लिए क्रिएटिव की न्यू साइट पर एक कृषि गैलेरी व प्रयोगशाला की स्थापना भी की जा रही है, जिसमें कृषि एवं अन्य विभागों द्वारा संचालित योजनाओं व गतिविधियों की जानकारी विद्यार्थियों को नियमित रूप से दी जाएगी।