कहीं चेहरे पर चर्चा, कहीं चर्चा में चेहरे

राजस्थान में भाजपा- सीएम और कांग्रेस- नेता प्रतिपक्ष चेहरे पर कर रही चिंतन

JAIPUR. वैसे तो हर बार के चुनाव में नतीजे चौंकाने वाले आते हैं लेकिन इस बार का कई दृष्टि से चौंकाने वाला रहा। सियासी हालात यहां तक आ गए कि भाजपा को जहां सीएम का चेहरा सामने लाने के लिए एड़ी से चोटी के पसीने आ रहे हैं, केंद्र तक दिन-रात की मैराथन बैठकों के बाद हालात तनावपूर्ण लेकिन फिलहाल नियंत्रण में बने हुए हैं। दूसरी ओर विपक्षी पार्टी कांग्रेस का आलम यह है कि यहां नेता प्रतिपक्ष के लिए चेहरों पर चिंतन किया जा रहा है। इन चेहरों में सचिन पायलट, महेंद्र मालवीया, वहीं गोविंद सिंह डोटासरा आदि चेहरे चर्चा में हैं।
विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र को इस्तीफा सौंपा। इसके बाद मंगलवार को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधायक दल की बैठक बुलाई जिसमें तय हुआ कि नेता प्रतिपक्ष दिल्ली में बैठे पार्टी के बड़े हाकिम ही करेंगे।

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सीएम अशोक गहलोत को राजनीति का पुराना अनुभव है। ऐसे में उन्हें नेता प्रतिपक्ष के अलावा केंद्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका दी जा सकती है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि राजस्थान के आदिवासी नेता पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया को नेता प्रतिपक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके पीछे कारण यह है कि मालवीया 2013 में मोदी लहर के बीच विजयी होने में सफल रहे थे और अब तक कोई विधानसभा चुनाव भी नहीं हारे हैं। यदि इस बार के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो मालवीय के गृह जिले बांसवाड़ा में 5 में से 4 सीट कांग्रेस की झोली में आई हैं।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का नाम भी राजस्थान की युवा राजनीति में उभर रहा है। लेकिन इसके लिए अशोक गहलोत को राजी करना.. आसान नहीं है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि गहलोत के नजदीकी गोविंद सिंह डोटासरा- सचिन पायलट के नाम पर कहां तक, कैसी और क्या प्रतिक्रिया देंगे, कहा नहीं जा सकता है। अब देखना यह है कि कांग्रेस आलाकमान किस पर भरोसा कर जिम्मेदारी देता है।