जयपुर । राज्य सरकार ने अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान ताऊते को देखते हुए राज्य स्तर पर तीन पारियों में (24×7) नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के साथ ही सभी जिला कलेक्टरों , एसडीआरएफ, एनडीआरएफ एवं सेना को प्रभावी कार्र्यवाही के लिए के साथ ही सभी जिलों को भी जिला नियंत्रण कक्ष कार्यशील रखने के निर्देश दिये हैं।
आपदा प्रबन्धन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार ने बताया कि जिला कलेक्टरों को तूफान से संबंधित सूचना तथा चेतावानी आम नागरिेकों तक इलेक्ट्रोनिक एवं प्रिन्ट मीडिया, सोशियल मीडिया व मास एसएमएस के जरिये निरन्तर पहुचाने के लिए निर्देश दिये गये है। इसके साथ ही मौसम विभाग से प्राप्त चेतावनी को जिलों में स्थित राज्य सरकार के ग्रास रूट लेवल के समस्त लाईन डिपार्टमेन्टस, पंचायती राज संस्थाओं ,स्थानीय नगरीय निकायाें तक पहुचाने एवं उनसे अपेक्षित समस्त पूर्व तैयारियों को सुनिश्चित किये जाने हेतु भी निर्देश दिये गये है ।
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उन्हाेंने बताया कि बचाव कार्य के लिए उदयपुर संभाग मुख्यालय पर एनडीआरएफ की टीम तथा उदयपुर ,डूंगरपुर एवं बांसवाड़ा के चिन्हित स्थानों पर एसडीआरएफ की टुकडियों को तैनात किया गया है । जोधपुर संभाग के जालोर जिले मे एनडीआरएफ की टीम तथा जोधपुर ,सांचोर, भीनमाल ,रानीवाड़ा, जालोर, गुडामालानी ,बाड़मेर ,मेडारा और आबूरोड सिरोही में एसडीआरएफ की टुकड़ियां तैनात की गयी हैं । एनडीआरएफ की एक टीम अजमेर तथा एसडीआरएफ की टुकडियों को जयपुर ,कोटा एवं भरतपुर में हाई अलर्ट पर रखा गया है।
विभाग की संयुक्त शासन सचिव कल्पना अग्रवाल ने बताया कि राज्य के सभी जिलों में नागरिक सुरक्षा की डीक्युआरटी तथा सर्च एवं रेस्क्यू टीमों को संसाधनों के साथ तैयार रखने एवं एसडीआरएफ एव एनडीआरएफ से भी समन्वय स्थापित रखने के निर्देश दिये गये हैं। जिला कलेक्टर को तूफान के कारण क्षतिग्रस्त विद्युत लाईनों की तुरन्त प्रभाव से मरम्मत कर चालू करने एव जिले में उपलब्ध डीजी सेट की मैपिग कर बाधा रहित विद्युत सप्लाई को चालू करने के लिए भी निर्देेशित किया गया है।
संयुक्त शासन सचिव ने बताया कि सभी जिला कलेक्टर को कोविड -19 की वर्तमान स्थिति को विद्युत आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में निजि अस्पतालों में उपलब्ध डीजी -सेट्स का चिन्हिकरण कर अस्पतालों में भर्ती कोविड मरीजो के इलाज के लिए निर्बाध पावर सप्लाई उपलब्ध करवाने के लिए निर्देश दिये गये है। जिलों को प्रभावित व्यक्तियों के लिए राहत शिविरों का चिन्हिकरण एवं पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए भी निर्देश दिये गये हैं।