प्रतिबंधित पटाखों के विक्रय-उपयोग पर होगी कडी कार्रवाई

जिला कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को दिए निर्देश
सवाई माधोपुर।
जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट राजेन्द्र किशन ने आदेश जारी कर दीपावली पर प्रतिबंधित पटाखों के विक्रय एवं उपयोग पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए है। दीपावली पर रात 8 बजे से रात 10 बजे तक ग्रीन पटाखे अनुमत होंगे।
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि दीपावली के त्यौहार के अवसर पर प्रदेश भर में आतिशबाजी-पटाखे चलाए जाते है। इससे न केवल वायु प्रदूषण होता है बल्कि इससे ध्वनि प्रदूषण भी अत्यधिक बढ़ जाता है। पटाखों एवं आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 29 अक्टूबर 2021 को पारित आदेश के अनुसार किसी भी व्यक्ति को त्यौहार के नाम पर प्रतिबंधित पटाखे चलाकर किसी दूसरे नागरिक के स्वास्थ्य को प्रभावित करने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने आदेश में बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार बेरियम सॉल्ट जैसे प्रतिबंधित केमिकल वाले पटाखों पर प्रतिबंध है। ऐसे प्रतिबंधित पटाखों के उत्पादन, परिवहन, बिक्री एवं उपयोग पर पाबंदी रहेगी। अवैध एवं प्रतिबंधित केमिकल पटाखों के इस्तेमाल पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। सभी प्रकार के पटाखों की ऑनलाईन बिकी करने पर भी कानूनी कार्यवाही होगी। ग्रीन पटाखों की आड में प्रतिबंधित रसायनों से बने पटाखों का निर्माण कर गलत लेबल चिपका कर बिक्री एवं उपयोग किया जाता है, पैकेट पर क्यूआर कोड के लेवल में भी धोखाधड़ी की जाती है तो इस प्रकार की अवहेलना-लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा तथा जिम्मेदार पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी संशोधित परामर्शदात्री के अनुसार एनसीआर क्षेत्र में आतिशबाजी-पटाखे बेचने व चलाने पर सम्पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। आदेश के अनुसार दीपावली एवं गुरुपर्व के अवसर पर रात्रि 8 से रात्रि 10 बजे तक, क्रिसमस एवं नववर्ष पर रात्रि 11.55 बजे से रात्रि 12.30 बजे तक, छठ पर्व पर सुबह 6 से सुबह 8 बजे तक ग्रीन पटाखे अनुमत होंगे। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत विरचित ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम 2000 के अन्तर्गत पुलिस आयुक्त या ऐसा कोई अन्य अधिकारी भी है जो पुलिस उप अधीक्षक की पंक्ति से नीचे का न हो एवं उपखण्ड मजिस्ट्रेट को ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण उपायों एवं ध्वनि के परिपेक्ष्य में परिवेशी वायु गुणवत्ता की पालना कराने के लिए प्राधिकारी घोषित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा जारी संशोधित परामर्शदात्री की पालना में जिले में 1 नवंबर से 4 नवंबर की रात्रि 10 बजे तक ग्रीन आतिशबाजी क्रय-विक्रय के लिए अस्थाई लाईसेंस जारी किए गए है।
उन्होने बताया कि प्रतिबंधों के बावजूद दीपावली के आस-पास रात्रि काल में पटाखे चलाने एवं आतिशबाजी के फलस्वरूव ध्वनि एवं वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि की शिकायतें सामने आती है। साथ ही वर्तमान में कोरोना महामारी के मध्येनजर पटाखों से निकलने वाले धुंऐ से अस्थमा, सीओपीडी इत्यादि के मरीज बढऩे के साथ-साथ कोविड.19 के संक्रमित मरीजों के लिए परेशानी उत्पन्न हो सकती है। इस दीपावली पर ऐसी स्थिति नहीं बने यह सुनिश्चित किया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने दीपावली पर पटाखों के प्रयोग एवं वायु-ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण तथा वैधानिक प्रावधानों की पालना सुनिश्चित किए जाने के संबंध में पुलिस अधीक्षक एवं उपखंड अधिकारियेां को आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।