जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि समर्पण एवं सेवा भावना राजस्थानियों की पहचान है। यहां के लोग जहां भी गए वहां अपने सेवा भाव से मिसाल कायम की। जब-जब भी कोई आपदा आई हमारे प्रवासी भाई-बहन हमेशा अपनी मातृृभूमि के लिए काम करने में आगे रहे हैं। कोरोना की गंभीर चुनौती का मुकाबला करने में भी वे सामाजिक सरोकार के नए आयाम स्थापित कर रहे हैं।
गहलोत मंगलवार को भारतीय जैन संघटना की ओर से प्रदेश के 37 स्थानों पर 700 ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर के वर्चुअल लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थानियों ने बाढ़, भूकंप, अकाल-सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं में राहत पहुंचाने में कभी कोई कमी नहीं रखी है। मुख्यमंत्री ने सामाजिक कार्यों में आगे बढ़कर योगदान के लिए भारतीय जैन संघटना के प्रयासों को सराहा। उन्होंने कहा कि पीड़ित मानवता को बचाने की दिशा में ऎसे प्रयास सभी के लिए अनुकरणीय हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वक्त जाति-धर्म, वर्ग, विचारधारा एवं क्षेत्र आदि के बंधनों से ऊपर उठकर इंसानियत की सेवा का है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना की चुनौती से लड़ने के लिए हर वर्ग को साथ में लिया और ऎसे फैसले किए जिससे जरूरतमंदों को राहत मिली। ‘कोई भूखा न सोए‘ हमारा मूलमंत्र रहा है। कोविड की पहली लहर में हमारे प्रबंधन की देश-विदेश में सराहना की गई। लेकिन अब उससे भी भयंकर चुनौती हमारे सामने है जिसके मुकाबले के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा।
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गहलोत ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों से ही हम दूसरी लहर का सफलतापूर्वक सामना कर पाएंगे। टीकाकरण में राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर रहा है, लेकिन वैक्सीन की सुचारू आपूर्ति नहीं होने से अब राज्यों को वैक्सीनेशन में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। वैक्सीन की उपलब्धता के लिए राज्य अपने स्तर पर ग्लोबल टेंडर कर रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि वैक्सीन की जल्द और एकसमान दर पर खरीद के लिए केंद्र सरकार के स्तर पर ग्लोबल टेंडर किया जाना ज्यादा बेहतर होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सीएचसी और पीएचसी स्तर पर भी कोविड उपचार की सुविधाओं को और मजबूत कर रही है। ऑक्सीजन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न स्तरों पर ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने तथा 50 हजार ऑक्सीजन कॉन्सन्टे्रटर की जल्द खरीद के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हमारा प्रयास है कि लोगों को स्थानीय स्तर पर ही बेहतर उपचार मिले। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को इलाज के भारी-भरकम खर्च से मुक्त करने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना भी शुरू की है, जिसमें 5 लाख रूपए तक का इलाज निशुल्क मिल सकेगा।
भारतीय जैन संघटना के संस्थापक शांतिलाल मूथा ने संस्था के मिशन ऑक्सीजन बैंक और मोबाइल ऑक्सीजन सेवा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संघटना के माध्यम से 12 राज्यों में कोविड केयर सेंटर स्थापित करने, सीरो-सर्विलांस, ऑक्सीजन कॉन्सन्टे्रटर उपलब्ध करवाने, जांच कार्यों आदि में सहयोग किया जा रहा है। राजस्थान में 45 स्थानों पर 1100 ऑक्सीजन कॉन्सन्टे्रटर उपलब्ध करवाए जाएंगे, जिसके पहले चरण में 700 कॉन्सन्टे्रटर का लोकार्पण आज किया गया है।
भारतीय जैन संघटना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र लूणकर ने स्वागत उद्बोधन दिया। प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार फतावत ने आभार व्यक्त किया। संघटना से जुडे़ अन्य प्रतिनिधियों ने भी विचार व्यक्त किए।