जलदाय विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की मनमर्जी, पेयजल आपूर्ति के लिए तरस रहे शहरवासी

गंगापुर सिटी। गंगापुर शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए बड़ी-बड़ी परियोजनाएं संचालित है। अमृत जल परियोजना लगभग 2 साल से पाइप लाइन डालने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। चंबल पेयजल परियोजना के लगभग 20 साल होने को है लेकिन इसकी आपूर्ति और संचालन अभी तक शहर में ठीक प्रकार से नहीं हो पा रही है। ऐसा लगता है कि शहर में जितने भी विकास की परियोजनाएं संचालित है उनको राजनीति का रोग लग गया है। शहर की पूर्व की आधा दर्जन से अधिक पानी की टंकियां और वर्तमान में नवनिर्मित 1 दर्जन से अधिक पानी की टंकियां निर्मित हो चुकी है लेकिन अधिकारियों व कर्मचारियों की मनमर्जी और लापरवाही के कारण शहर की जलापूर्ति ठीक प्रकार से नहीं हो पा रही है। शहर के वार्ड में कॉलोनीवासी आए दिन जलापूर्ति नहीं होने से परेशान होकर आंदोलन पर उतारू हैं।
इसी प्रकार वार्ड नंबर 26 के वार्डवासी पेयजल की आपूर्ति को लेकर लगभग 2 माह से त्रस्त हैं। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमर्जी का आलम यह है किजो जलापूर्ति वार्ड में सुबह 5 बजे दी जा रही थी उसे बदलकर सुबह साढ़े छह बजे कर दिया। कॉलोनीवासियों को पता ही नहीं है कि पानी का प्रेशर नहीं होने से घरों के नलों में पानी नहीं पहुंच रहा है। कर्मचारियों से पता करने पर उनका कहना है कि अधिकारियों के आदेश से किया गया है। जब अधिकारियों से बात की जाती है तो उनका कहना है कि हमने इस प्रकार के कोई आदेश नहीं निकाल रखे हैं। इसका मतलब साफ है कि अधिकारियों और कर्मचारियों का आपस में तालमेल नहीं है, सब अपनी मनमर्जी कर रहे हैं।
अधिकारी की कर्मचारी नहीं सुनता, कर्मचारी की अधिकारी नहीं सुनता है जनता त्रस्त है अभी हाल ही कुछ दिन पहले हॉस्पिटल के सामने से डॉक्टर सीपी गुप्ता वाली गली में अमृत जल परियोजना की लाइन डाली गई। उसको सीधे राइजिंग लाइन से जोड़ दिया गया और वाल्ब भी नहीं लगाया गया। पाइप लाइन का सारा प्रेशर उधर ही जा रहा है एवं हॉस्पिटल के मुख्य रास्ते और गल्र्स सीनियर सैकण्डरी स्कूल के सामने स्टेशन रोड पर जगह-जगह वाल्ब लगे हुए हैं। कर्मचारी पता नहीं किसके दबाव में आकर कभी तो उनको खोलते है किसी दिन नहीं खोलते हैं। इस कॉलोनी में वाल्ब खोलने और नहीं की आंख-मिचोली का कार्य चल रहा है। इस कॉलोनी में विभाग द्वारा दशकों से सुबह 5 बजे जलापूर्ति की जा रही थी लेकिन अचानक उसको बदल कर सुबह साढ़े छह बजे कर दिया और उसमें भी पानी नहीं छोड़ते हैं। ऐसे में कॉलोनी में लगभग 1 माह से पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
अमृत जल परियोजना पाइपलाइन डालने वालों का कार्य इतना प्रगति पर है कि एक बार कॉलोनी में जब कार्य शुरू करते हैं तो आधा अधूरा कार्य करके दूसरे वार्ड या कॉलोनी में पहुंच जाते हैं और वहां कार्य शुरू कर देते हैं। पूर्व में कार्य अधूरा ही छोड़ देते हैं उनको कोई देखने वाला नहीं है।