रेसलर बजरंग पूनिया ने पीएमको चिट्ठी लिख फुटपाथ पर रखा Padma Shri Award

प्रियंका गांधी से मिले, साक्षी मलिक रहीं मौजूद

खेल की दुनिया में विश्व में अपने प्रदर्शन का लोहा मनवाने वाले भारतीय खिलाडिय़ों की स्थिति यहां तक आ चुकी है कि पद्मश्री अवार्ड (Padma Shri Award) विजेता को प्रधानमंत्री आवास पर जाने की अनुमति नहीं मिलती है। आखिरकार अवार्ड को स्टेटमेंट के पत्र के साथ फुटपाथ पर रखकर रेसलर बजरंग पूनिया ने दिल्ली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की। इस दौरान कुश्ती से संन्यास का ऐलान करने वाली साक्षी मलिक भी बजरंग के साथ थी। प्रियंका ने दोनों पहलवानों को कहा कि वह उनकी लड़ाई में पूरी तरह साथ हैं। यह मीटिंग राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कराई।

भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के हाल में हुए चुनाव में बृजभूषण के करीबी संजय सिंह अध्यक्ष चुने गए। इसके विरोध में गुरुवार को साक्षी मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जूते टेबल पर रखकर कुश्ती छोडऩे का ऐलान कर दिया। इसके अगले दिन बजरंग ने प्रधानमंत्री को ढ़ाई पेज की चिट्ठी लिखकर सोशल मीडिया पर डाली और Padma Shri Award लौटाने की घोषणा की।

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बजरंग ने कहा कि महिला पहलवानों के साथ हो रहे व्यवहार को देखते हुए वह इस सम्मान के बोझ तले नहीं जी सकते। गौरतलब है कि प्रियंका गांधी पहलवानों के मुद्दे को लेकर भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर पहले निशाना साध चुकी हैं। देश की एकमात्र ओलिंपियन मेडल विजेता रेसलर साक्षी मलिक ने डब्ल्यूएफआई चुनाव परिणाम के बाद 2 दिन पहले दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संन्यास ले लिया था। साक्षी ने अपने जूते निकालकर वहीं टेबल पर रख दिए थे।

Padma Shri Award

इससे पहले साक्षी ने कहा कि हम लड़ाई नहीं जीत पाए, कोई बात नहीं। हमारा समर्थन करने देशभर से दूर-दूर से आए लोगों का आभार। हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। साक्षी ने कहा कि पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई में महिला प्रेसिडेंट की मांग की थी, लेकिन सब जानते हैं कि बृजभूषण का तंत्र कितना मजबूत है।

Padma Shri Award

मैं और बजरंग पूनिया गृहमंत्री से मिले थे। हमने बाकायदा लड़कियों के नाम लेकर उन्हें बताया था कि रेसलिंग को बचा लें, लेकिन कुछ नहीं हुआ। चुने गए नए अध्यक्ष संजय सिंह बृजभूषण सिंह के पार्टनर हैं। जब तक बृजभूषण सिंह और उनके जैसे लोग कुश्ती संघ से जुड़े हैं, न्याय की उम्मीद नहीं है। ऐसे में मैं आज से ही अपनी कुश्ती त्यागती हूं। आज से आप मुझे मैट पर नहीं देखेंगे।