मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का संक्रमण से अब तक 1695 मौतें हो चुकी है। वहीं अब संक्रमण को रोकने को लेकर अब उद्धव सरकार पर विपक्षी भी सवाल खड़े कर रहे हैं। ऐसे में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता नारायण राणे ने सोमवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उनका कहना है कि महाराष्ट्र सरकार कोरोना वायरस को रोकने में नाकाम साबित हो रही है।
राणे ने कहा ठाकरे सरकार कोरोना संकट को संभाल नहीं सकती है। इस सरकार के पास क्षमता नहीं है। यह सरकार कोरोना से निपटने में विफल रही है। इसलिए, यहां राष्ट्रपति शासन लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के जीवन को बचाने में सक्षम नहीं है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री सरकार चलाने में सक्षम नहीं हैं। नारायण राणे ने कहा कि कोरोना राज्य में गहरा संकट पैदा कर रहा है।
नारायण राणे ने क्या कहा
वर्तमान में, महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति गंभीर हो रही है। मरीज और मौतें बढ़ रही हैं। राज्यपाल को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और महाराष्ट्र-मुंबई में मौतों को रोकना चाहिए। इस संबंध में प्रयास किए जाने चाहिए। नगर निगम और राज्य के सरकारी अस्पतालों की हालत खराब है। अस्पताल में प्रवेश न मिलने से कई मरीजों की मौत हो चुकी है। ऐसी स्थिति में यह नहीं कहा जा सकता है कि सरकार ध्यान नहीं दे रही है। यह सरकार इस स्थिति को संभाल नहीं सकती है।
सेना को दी जाए सरकारी अस्पतालों की जिम्मेदारी
राणे ने महाराष्ट्र सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा- कोरोना से निपटने में सरकार विफल रही है, राज्य में लगभग एक हजार मौतें हुई हैं। इसलिए गवर्नर को इस सरकार पर विचार करना चाहिए और स्वास्थ्य सेवा के संदर्भ में उन्हें सेवा प्रदान करने के संदर्भ में निर्देश देना चाहिए कि नगरपालिका और राज्य के सरकारी अस्पतालों को सेना को सौंप दिए जाने पर ही स्थिति में सुधार हो सकता है।
बीजेपी ने भी साधा निशाना
महाराष्ट्र कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बन चुका है और अब तक राज्य में 50 हजार से ज्यादा मरीज कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए हैं। कोरोना का आंकड़ा हर दिन तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में राज्य में प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी अब सीएम उद्धव ठाकरे की महाविकास अघाड़ी पर आक्रामक हो गई है।