अधिक दिव्यता वाली श्रीराम मूर्ति की होगी प्राण प्रतिष्ठा

बहुमत से चुनी जाएगी मूर्ति

अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि स्थिति श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि प्राण प्रतिष्ठा की जाने वाली मूर्ति किस प्रकार की होगी। आइए जानते हैं-

श्रीराम मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित होने वाली रामलाल की मूर्ति 29 दिसंबर को ट्रस्ट सदस्यों के बहुमत से चुनी जाएगी। ट्रस्ट के सचिव चंपत राय के अनुसार रामसेवकपुरम में तीन मूर्तियां तैयार करवाई गई हैं। इनमें से अधिक दिव्यता वाली मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मौजूद रहेंगे।

मंदिर ट्रस्ट की शुक्रवार को मंदिर परिसर में बैठक हुई जिसमें ट्रस्ट के 15 सदस्य में से 10 मौजूद रहे तथा शेष ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, के. पराशरण समेत 5 सदस्य ऑनलाइन जुड़े। सूत्रों के अनुसार सभी सदस्य मंदिर परिसर से 3 किमी दूर रामसेवकपुरम जाएंगे। जहां 3 मूर्तिकारों द्वारा बनाई गई मूर्तियों में से जो सबसे ज्यादा पसंद आएगी, उसे चुना जाएगा।

ट्रस्ट ने मूर्ति चयन को लेकर कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी है। इससे पूर्व चंपत राय ने कहा था कि भगवान राम की 51 इंच ऊंची मूर्ति के तीन डिजाइनों में से चुनी जाएगी। जिस प्रतिमा में दिव्यता होगी और चेहरे पर बालक जैसा भाव होगा, उसका चयन किया जाएगा।
गर्भगृह में रामलला बाल स्वरूप में विराजेंगे। कर्नाटक के दो और राजस्थान के एक पत्थर से तीन मूर्तियां बनाई गई हैं। कर्नाटक के डॉ. गणेश भट्ट, जयपुर के कलाकार सत्यनारायण पांडे और कर्नाटक के अरुण योगीराज ने ये मूर्तियां तैयार की हैं। कर्नाटक के पत्थर की मूर्तियां श्याम रंग की हैं, जबकि राजस्थान की श्वेत संगमरमर की है।
मूर्तिकार गणेश भट्ट को कर्नाटक राज्य में कई पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। उन्होंने अब तक 1000 से ज्यादा मूर्तियों को गढ़ा है, जो भारत सहित कई देशों में लगाई गईं हैं।
मूर्तिकार सत्यनारायण पांडे जयपुर के प्रसिद्ध मूर्तिकार रामेश्वर लाल पांडे के बेटे हैं। 7 दशक से इनका परिवार संगमरमर की मूर्तियां बनाने का काम कर रहा है। पांडे ने राजस्थान के मकराना के श्वेत संगमरमर से मूर्ति तैयार की है।
मूर्तिकार अरुण योगीराज मैसूर महल के कलाकारों के परिवार से आते हैं। एमबीए डिग्री प्राप्त अरुण ने एक निजी कंपनी के लिए काम किया। मूर्तियां बनाने की तरफ उनका झुकाव बचपन से था।उन्होंने शंकराचार्य की प्रतिमा बनाई थी जिसे केदारनाथ में स्थापित किया गया है।
अयोध्या में रामलला की 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा होगी। सूत्रों के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 5 लोग शामिल होंगे। इस दौरान पीएम के सामने भगवान के आंख की पट्टी खोली जाएगी। इसके बाद पीएम मोदी रामलला के आंख में काजल लगाएंगे। फिर उन्हें आइना दिखाएंगे।