AIRF-WCREU ने किया विरोध: आरपार आंदोलन की चेतावनी

गंगापुरसिटी। केन्द्र सरकार की ओर से हाल ही जारी मोनेटाइजेशन पॉलिसी के तहत प्राइवेट ऑपरेटर्स द्वारा 90 पैसेन्जर ट्रेनों का परिचालन किए जाने की योजना है। सरकार की इस योजना का ऑल इंडिया रेलवेमैंस फेडरेशन (एआईआरएफ) एवं वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (WCREU) ने विरोध करते हुए जरुरत पडऩे पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

एआईआरएफ-डब्ल्यूसीआरईयू ने किया है विरोध
इस सम्बन्ध में वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन (WCREU) के मंडल उपाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी नरेंद्र जैन ने कहा है कि ऑल इंडिया रेलवे मैंस फेडरेशन केन्द्र सरकार के इस निर्णय का पुरजोर विरोध करती है। फेडरेशन इस सम्बन्ध में आंदोलन करेगी और रेलवे का काम निजी हाथों में जाने की बजाय रेल कर्मचारियों के माध्यम से ही हो, इसके लिए आरपार का संघर्ष भी करेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व में सरकार ने 500 ट्रेनों को निजी हाथों में देने का निर्णय लिया था, लेकिन बाद में उसे यह निर्णय एआईआरएफ के दबाव के बाद घटाकर 151 ट्रेन करना पड़ा और अब वह 90 ट्रेनों को निजी हाथों में देने पर आ गई है। एआईआरएफ चाहती है कि एक भी ट्रेन निजी हाथों में नहीं जाने पाए।

सरकार बताए कि निजीकरण करने क्यों जा रही
ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (AIRF) के सहायक महामंत्री एवं वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने कहा कि भारत सरकार फेडरेशन के साथ बात करे और यह बताए कि आखिर बड़ी मेहनत-मशक्कत के बाद बनी इन राष्ट्रीय सम्पत्तियों का निजीकरण क्यों करने जा रही है। यदि कोई कमी मैन पावर की ओर से हो या इंफ्रास्ट्रक्चर की तो उसे सुधारने का काम किया जा सकता है। बगैर फेडरेशन से वार्ता किए इस योजना को अमल में नहीं लाने दिया जाएगा, चाहे इसके लिए कितना बड़ा मूवमेंट क्यों न करना पड़े।

केन्द्र सरकार की यह है योजना
गौरतलब है कि केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिस मौद्रिकरण संपदा नीति का ऐलान किया है, उसके मुताबिक अगले चार वर्षों में 400 रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास होगा और 90 पैसेंजर ट्रेन का संचालन निजी आपरेटर्स करने लगेंगे। वहींए 1400 किलोमीटर के ट्रैक का विकास भी निजी कंपनियां करेंगी। इसके अलावा पहाड़ी इलाके के रेलवे, डेडिकेटेड फ्रेंट कारिडोर और रेलवे कालोनी के पुनर्विकास का काम भी संपदा मौद्रीकरण के तहत किया जाएगा। वित्त वर्ष 2021-22 से लेकर वित्त वर्ष 2024-25 तक 1,52,496 करोड़ रुपए मूल्य की रेलवे संपदा के मौद्रीकरण का लक्ष्य रखा गया है। चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 17810 करोड़ रुपये मूल्य की संपदा का ही मौद्रीकरण होगा। चालू वित्त वर्ष में सिर्फ रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास, पहाड़ी रेलवे का निजी संचालन और रेलवे कालोनियों का पुनर्विकास कराया जाएगा। संपदा मौद्रीकरण का पूरा खाका नीति आयोग ने तैयार किया है जिसे हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया था।

90 निजी ट्रेन का संचालन
नीति आयोग के मुताबिक रेलवे में 150 पैसेंजर ट्रेन का संचालन निजी हाथों में सौंपने के लिए पहले से ही टेंडर प्रक्रिया चल रही है। इनमें से 90 ट्रेन का संचालन संपदा मौद्रीकरण स्कीम के तहत वित्त वर्ष 2022-23 से लेकर 2024-25 में शुरू हो जाएगा। निजी रूप से चलने वाले ट्रेन की टेंडर प्रक्रिया को चालू वित्त वर्ष में अंतिम रूप दिया जाएगा।150 निजी पैसेंजर ट्रेन का संचालन के लिए 12 क्लस्टर का चयन किया गया है। इनमें दिल्ली में दो क्लस्टर, मुंबई में दो तथा जयपुर, पटना, हावड़ा, प्रयागराज, चंडीगढ़, बंगलुरु, चेन्नई, सिकंदराबाद में एक-एक शामिल हैं।