देश में चल रहे किसान आंदोलन के समर्तन में ग्रेटा थनबर्ग और रिहाना के के ट्वीट से भारत सरकार में इतना डर क्यों बना हुआ है? क्या वाकई ये एक अंतराष्ट्रीय साजिश कनाड़ा में रची गई है? 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा की साजिश कनाड़ा में रची गई थी। किसान आंदोलन के समर्थन में स्वीडन की 18 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट को लेकर दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि ग्रेटा ने ट्वीट में टूलकिट साझा किया था। इसमें भारत के हितों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप है।
असदुद्दीन औवेसी ने भी इसे लेकर दिल्ली पुलिस पर हमला बोला है। ओवैसी ने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि दिल्ली की सड़कों से अपराध का पूरा खात्मा कर चुकी दिल्ली पुलिस अब किसान आंदोलन पर विचार रखने वाली स्वीडिन ग्रेटा थनबर्ग से लड़ने की चुनौती स्वीकर कर चुकी है। अगली एफआईआर किसा पर होनी है? जानवरों पर अत्याचार करने के आरोप में सैंटा क्लॉज पर? वहीं दिल्ली दंगो के पीड़ित अब भी न्याय के इंतजार में बैठे हैं।
टूल किट के जरिए माहौल खराब करने और भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि खराब करने की साजिश का आरोप है। रिहाना ने लिखा कि इस बारे में कोई बात क्यों नहीं कर रहा है। ग्रेटा ने ट्वीट कर कहा कि हम भारत में चल रहे किसान के प्रदर्शन के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़े हैं।