पत्र लेखन विधा भावनाओं पर आधारित है: डॉ. सूरज सिंह नेगी

-पाती लेखकों का सम्मान एवं तीन पाती पुस्तकों का विमोचन
सवाई माधोपुर।
पाती लेखन विधा को जीवंत बनाए रखने के लिए राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं सवाई माधोपुर एडीएम डॉ. सूरज सिंह नेगी द्वारा चलाई गई मुहिम पाती लेखन की कडी में गत दिवस एक नया आयाम जुड़ा। रणथंभौर स्थित एक होटल में पाती लेखकों का सम्मान एवं तीन पाती पुस्तकों का विमोचन समारोह आयोजित हुआ। 4 घंटे चले कार्यक्रम में प्रतिभागियो का उत्साह देखते ही बन रहा था। पाती मुहिम के संयोजक एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर डॉ. सूरज सिंह नेगी ने बताया कि समारोह में प्रकृति की पुकार, एक पाती मीत को, पाती शिक्षक को पाती संग्रह पुस्तकों का विमोचन किया गया। इस अवसर पर केकडी की विमला नांगला का लघु कहानी संग्रह कहानी का जादू, अजमेर की डॉ. नीलिया तिग्गा का उपन्यास-बलिवेदी पर, जोधपुर की डॉ. नीना छिब्बर की पुस्तके टच स्क्रीन और अन्य लघुकथाऐं एवं नदी खिलखिलायी तथा भीलवाडा के सतीश व्यास की पुस्तक कोमल डग का भी मंच से विमोचन किया गया।


कार्यक्रम में भोपाल, फरीदाबाद, सिरसा, मथुरा, नीमच, गुडगांव, बक्सर के अलावा राजस्थान के अनके जिलो से 150 से भी अधिक पाती लेखक सम्मिलित हुए। प्रकृति की पुकार पुस्तक में सम्मिलित 118 पत्र कोई न कोई संदेश देते नजर आते है। प्रतियोगिता में सीनियर वर्ग में बक्सर- बिहार की मीरा सिंह प्रथम स्थान पर रही। इसी प्रकार जूनियर वर्ग में अर्जुन गौड टोडारायसिंह प्रथम स्थान पर रहे। जूनियर और सीनियर वर्ग में प्रथम तीन स्थान पर रहे प्रतिभागियों को दादू पर्यावरण संस्थान रानीपुरा द्वारा 51 सौ, 31 सौ एवं 21 सौ रूपए की राशि का नगद पुरस्कार एवं शील्ड प्रदान की गई।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी पाती लेखको को मंच से सम्मान पत्र एवं पुस्तक भेंट की गई। कार्यक्रम का आरंभ सरस्वती वन्दना से किया गया। अजमेर की डॉ. छाया शर्मा ने मधुर आवाज में सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। आशीष विजयवर्गीय टोडारायसिंह ने चिठ्ठी आयी है गाने की तथा अजमेर की रेखा शर्मा ने ज्योति कलश छलके गाने पर मोहक प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया।

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कार्यक्रम के आरंभ में टोंक के वरिष्ठ साहित्यकार अमीर अहमद सुमन का एक विडियो दिखाया गया जो उनको श्रृद्धांजली के बतौर था। प्रकृति की पुकार पुस्तक स्वण् सुमन को समर्पित है। मंच पर ताउ शेखावाटी सवाई माधोपुर, चन्द्र मोहन उपाध्याय मालपुरा, देवदत शर्मा अजमेर, डॉ. अजीजुल्लाह शिरानी टोंक, जयराम पाण्डे उपवन संरक्षक, कपिल शर्मा उपखंड अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर डॉ. सूरज सिंह नेगी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में प्रतिभागियों के रूप में डॉ. शील कौसिक सिरसा, मेजर शक्तिराज सिरसा, लाडो कटारिया गुरूग्राम, डॉ. इन्दु गुप्ता फरीदाबाद, ओमप्रकाश क्षत्रिय नीमच, मीरा सिंह बक्सर, डॉ. लता अग्रवाल भोपाल, रामसिंह ‘साद’ मथुरा सहित डॉ. नीना छिब्बर, बसंती पंवार, डॉ. आशा शर्मा, रामगोपाल राही, वीना चौहान, आशा शर्मा ‘अंशु’, गोविन्द भारद्धाज सहित अनेक साहित्यकारों ने भाग लिया। मंच संचालन विमला नागला केकडी द्वारा किया गया। साहित्य मंच टोडारायसिंह से शिवराज कुर्मी अपनी पूरी टीम के साथ उपस्थित रहे।

इस अवसर पर एडीएम डॉ. नेगी ने कहा कि एक दौर था जब अपनों के खतों का लम्बा इंतजार हुआ करता था। डाकिया मोहल्ले में आया नही कि सबकी निगाहें उसकी तरफ हो जाया करती थी, जैसे मोबाइल-इंटरनेट की जद में आते गए यह सब दूर होता चला गया। हालात यह हो गए कि स्कूली-कॉलेज के विद्यार्थी ही नहीं आम आदमी भी पत्र लेखन को भूल सा गया हो, लेकिन पिछले तीन-चार सालों से डॉ. नेगी एवं उनकी पत्नि डॉ. मीना सिरौला एसोसिएट प्रोफेसर वनस्थली विद्यापीठ लुप्त होती पाती लेखन विद्या को पुर्नजीवित करने में लगे हुए है। उनकी पाती अपनों को मुहिम आज एक राज्य, राष्ट्र तक ही सीमित न होकर अंतर्राष्ट्रीय आकार लेती नजर आ रही है। इस अवसर पर ओजोन दिवस एवं प्रकृति संरक्षण के लिए भी वक्ताओं द्वारा विचार रखे गए।