Aadhar Card और 10 वीं की मार्कशीट से लिंक होगा प्रतियोगी परीक्षा आवेदन फॉर्म!

जयपुर। पिछली कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल, पेपर लीक सहित अन्य अनियमितताओं के कारण राजस्थान में पढऩे वाले युवाओं के सपने टूटे। कई युवाओं का परीक्षाओं से विश्वास तक उठ गया। ऐसे में युवाओं के टूटे हुए विश्वास को फिर से जगाने के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड ने नया एक्शन प्लान तैयार किया है। इसके तहत अभ्यर्थी Aadhar Card या 10वीं की अंकतालिका को आवेदन से लिंक कर भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती परीक्षा के 58 अभ्यर्थियों को पहले ही डीबार किया जा चुका है।

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं में होने वाली धांधली और नकल को रोकने के लिए अब आधार कार्ड (Aadhar Card) की मदद ली जाएगी। बोर्ड अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज के अनुसार दो माह में कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा 21 अभ्यर्थियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। क्योंकि इन अभ्यर्थियों ने किसी और के स्थान पर या डमी अभ्यर्थी बनकर भर्ती परीक्षा में शामिल होने की कोशिश की थी जिन्हें बोर्ड द्वारा समय रहते पकड़ लिया। भविष्य में इस तरह की गलती ना हो, इस संबंध में अब बोर्ड भर्ती प्रक्रिया के नियमों में संशोधन करने जा रहा है।

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मेजर जनरल आलोक राज के अनुसार इसके तहत राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा भविष्य में होने वाली सभी भर्ती परीक्षाओं की आवेदन पत्र की प्रक्रिया को Aadhar Card या फिर दसवीं की मार्कशीट से लिंक किया जाएगा। ताकि अभ्यर्थी किसी और के स्थान या फिर डमी बन फर्जी तरीके से भर्ती परीक्षा में शामिल न हो सके। बोर्ड की प्राथमिकता Aadhar Card रहेगी। किसी कारण अगर कोई अभ्यार्थी आवेदन को Aadhar Card से लिंक नहीं कर पाया। उसे दसवीं की मार्कशीट के रोल नंबर से आवेदन फार्म को भरना होगा। यह प्रक्रिया भविष्य में होने वाली सभी प्रतियोगी भर्ती परीक्षाओं में लागू होगी।

उन्होंनेे बताया कि बोर्ड द्वारा इस प्रक्रिया के लागू होने के बाद अभ्यर्थियों की बेसिक जानकारी बोर्ड के पास होगी। जैसे उनका सही नाम, उनके माता-पिता का नाम डेट ऑफ बर्थ और उनका मूल एड्रेस भी पता होगा। ऐसा करने से अभ्यर्थी को भी काफी फायदा होगा। क्योंकि वह भी डायरेक्टली डिजी लॉकर की मदद से अपनी बेसिक जानकारी आवेदन फार्म में भर सकेंगे। ऐसा होने के बाद परीक्षा केंद्र से लेकर सिलेक्शन के बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन तक अभ्यर्थी के मूल दस्तावेजों की सही से जांच हो सकेगी। इससे नकल और धांधली जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकेगा।