गणतंत्र दिवस को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद से किसान आंदोलन के खत्म होने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन एक बार फिर से आंदोलन को नई ऊर्जा मिली है। सिंघु बॉर्डर पर जारी धरनास्थल पर शुक्रवार को हंगामा हो गया। धरना दे रहे किसानों को हटाने की मांग को लेकर कुछ लोगों ने नारेबाजी करते हुए पथराव कर डाला। इस घटना में अलीपुर एसएचओ सहित 5 पुलिस कर्मियों के घायल होने की खबर है।
स्थानीय और किसानों के आमने सामने होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। इतना ही नहीं लोगों को हटाने के लिए पुलिस को आंसू गैस को गोले भी छोड़ने पड़े। स्थानीय होने का दावा कर रहे करीब 150 लोगों का एक समूह ने शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर के धरनास्थल पर पहुंचे और किसानो को हटाने की मांग करते हुए पथराव कर दिया।
सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार सुबह से करीब 15 अतिरिक्त कंपनी अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती की गई है। लाल किले पर भी सुरक्षा बलो की तैनाती की गई है। गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली में हिंसा भड़काने के आरोपों पर पुलिस एक्शन मोड में दिखाई दे रही है। किसान नेताओं पर भी दिल्ली पुलिस कई धाराओं में मुकदमे दर्ज कर चुकी है। 26 जनवरी को लाल किले पर कुछ उपद्रवियों ने हंगामा करते हुए धार्मिक झंड़ा फहरा दिया। इसके बाद से पुलिस प्रशासन भी किसानों को लेकर एक्शन की तैयारी में है।
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