पर्ची खोलते ही उड़ गई वसुंधरा की हवाइयां, तनाव, निराशा के बीच दिखा कुर्सी का दर्द

मुटठी में रेत की तरह निकली सीएम की कुर्सी

जयपुर। इस बार के विधानसभा चुनावों के बाद सीएम बनाए जाने के लिए भाजपा ने छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के साथ ही राजस्थान में भी चौंकाने वाला फैसला लिया है। राजस्थान का मुख्यमंत्री पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को बनाया गया है। वहीं राजस्थान की जनता की सेवा में ही जीने और मरने की बात कहने वाली तथा नए मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल करने की उम्मीद में बैठी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की उम्मीद पर पानी फिर गया और उनके हाथ से यह कुर्सी मुट्ठी में रेत की तरह हाथ से निकल गई।

बीजेपी के तीनों पर्यवेक्षकों की ओर से विधायकों से बातचीत के बाद मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा के लिए मंच तैयार था। वहां पर्यवेक्षक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय मंच पर बैठे थे। उनके साथ वसुंधरा राजे भी मंच पर पहुंचीं। इस समय सियासत वसुंधरा राजे के फेस की रीडिंग कर रही थी। वसुंधरा राजे राजनाथ सिंह के दाहिनी ओर बगल में बैठी। इस बीच राजनाथ और वसुंधरा बीच कुछ बातचीत हुई। तभी राजनाथ सिंह ने उन्हें एक पर्ची थमाई। इसके बाद साफ हो गया था कि राजस्थान में कोई नया मुख्यमंत्री बनने वाला है। राजनाथ सिंह ने वसुंधरा को पर्ची नहीं देखने का भी इशारा किया।

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पर्ची देख ठनका माथा

राजनाथ सिंह ने पर्ची खोलने के लिए वसुंधरा को थोड़ा रुकने का इशारा किया, लेकिन जैसे ही राजनाथ सिंह की नजरें सामने की तरफ हुईं। इसी बीच वसुंधरा राजे ने मौका देखकर पर्ची देख ली। पर्ची देखते ही उनके चेहरे की हवाइयां उड़ गईं। उनके चेहरे पर तनाव और निराशा नजर आई। उन्होंने पर्ची देखकर एक बार राजनाथ सिंह की तरफ देखा। वहीं राजनाथ सिंह को एहसास हो गया था कि वसुंधरा राजे ने पर्ची को देख लिया है। उन्होंने वसुंधरा राजे को यह एहसास नहीं होने दिया। वसुंधरा ने चश्मा पहना और अपने हाथों से मुंह को ढककर चिंतन की मुद्रा में हो गईं। बाद में राजभवन में नए सीएम की ओर से राज्यपाल को सरकार बनाने के लिए दावा प्रस्तुत करने के दौरान वसुंधरा राजे वहां मौजूद रहीं।