रेलवे के मौद्रीकरण के खिलाफ चेतावनी दिवस आंदोलन 8 को

-जनशताब्दी एक्सप्रेस पर करेंगे विरोध प्रदर्शन
गंगापुरसिटी।
केंद्र सरकार की मौद्रीकरण नीति के खिलाफ ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन एवं वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के आह्वान पर 8 सितम्बर को पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा, भोपाल व जबलपुर मंडल के सभी स्टेशन मुख्यालयों व कारखानों में रेल कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करेंगे। मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन ने बताया कि केंद्र सरकार ने मौद्रीकरण के नाम पर 400 रेलवे स्टेशन, 90 पैसेंजर गाडिय़ों, 15 रेलवे स्टेडियम, 741 किलोमीटर लंबी कोंकण रेलवे, चार हिल स्टेशन, 673 किलोमीटर डेडीकेटेड फ्रेंट कॉरिडोर सहित रेलवे कॉलोनी का निजीकरण का निर्णय लिया है। फेडरेशन और वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन ने इसके विरोध में 8 सितमबर को चेतावनी दिवस के अवसर पर सभी जगह धरना-प्रदर्शन पर सरकार को आगाह करने का निर्णय लिया है।

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मंडल उपाध्यक्ष जैन ने बताया कि कोटा मंडल में डीआरएम कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही कोटा मंडल के सभी स्टेशन, शाखा मुख्यालयों, कारखानों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। गंगापुर सिटी में 8 सितंबर को शाम जनशताब्दी एक्सप्रेस पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले केंद्र सरकार ने रेलवे की 500 यात्री गाडिय़ों को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया था, लेकिन ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन और वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के आंदोलन एवं जन आक्रोश के कारण सरकार को कदम वापस लेने पड़े और फिर सरकार ने 150 यात्री गाडिय़ों को निजी हाथों में सौंपने की कोशिश की, लेकिन व्यापक विरोध के कारण सरकार के मंसूबे सफल नहीं हो पाए। अभी हाल ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मौद्रीकरण के नाम पर सभी सरकारी संसाधनों का धीरे-धीरे कर निजीकरण करने की योजना बनाई है।
निजी हाथों में क्यो
यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव का कहना है कि केंद्र सरकार का एकमात्र एजेंडा सरकारी संपत्तियों को बेचने का है चाहे वह फायदे में ही चल रही हो ।आज तक केंद्र सरकार यह बताने में सफल नहीं हो पाई है कि निजीकरण की आवश्यकता क्या है। जबकि ये सभी राष्ट्रीय संसाधन फायदे में चल रहे हैं और लगातार लाभ अर्जित कर रहे हैं फिर भी सरकार इनको निजी हाथों में सौंपने पर आमादा है।