‘लक्ष्मी बिटिया कार्यक्रम” से मिलेगा सम्बल: लिंगानुपात में होगा सहायक

करौली। जिले में लिंग संवेदीकरण एवं लिंगानुपात में समानता के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीनस्थ कार्यरत पीसीपीएनडीटी सैल के कार्य को ‘लक्ष्मी बिटिया कार्यक्रम’ से संबल मिलेगा। इस कार्यक्रम के तहत 1 अगस्त से 20 अगस्त 2021 के मध्य जन्म लेने वाली बालिकाओं के परिवारों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेशचंद मीना ने बताया कि पीसीपीएनडीटी सैल भ्रूण लिंग परीक्षण रोक लिंगानुपात में समानता के लिए कार्यरत है। इसमें सोनोग्राफी सेंटरो की जांच, मुखबिर योजना से भ्रूण लिंग परीक्षणकर्ताओं पर निगरानी, आईईसी सामग्री का प्रदर्शन कर जागरूकता सहित बालिका जन्म प्रोत्साहित गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन’लक्ष्मी बिटिया कार्यक्रम” से लिंगानुपात के बढावे में सहयोग मिलेगा। उन्होंने बताया कि 1 अगस्त से 20 अगस्त 2021 के मध्य जन्म लेने वाली बालिकाओं के परिवारों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जन्म प्रमाण पत्र, जननी सुरक्षा योजना और राजश्री योजना से लाभान्वित कराने की जिम्मेदारी मिली है तथा अन्य विभागों को भी सम्बन्धित योजना से लाभान्वित कराने के लिए जिला कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस अवधि मे जन्म लेने वाली बालिकाओं के परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय निर्माण, महानरेगा में श्रम नियोजन, सुकन्या समृद्धि योजना, मातृत्व योजना, लक्ष्मी कार्ड, श्रम विभाग द्वारा देय योजनाओं सहित अन्य विभागीय योजनाओ से लाभ मिलेगा। कार्यक्रम के तहत लाभ के लिए पात्रों का चिन्हीकरण कार्य किया जा रहा है। इधर, जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक नगीना शर्मा ने बताया कि लिंगानुपात में समानता के लिए सरकार द्वारा मुखबिर योजना संचालित है। इसमें मुखबिर को प्रोत्साहन राशि दो लाख पचास हजार से बढाकर 3 लाख रूपए की गई है।