विश्व आदिवासी दिवस: एकजुटता और समाज उत्थान का दिया संदेश

करौली। राजस्थान आदिवासी मीणा विकास संस्थान के तत्वावधान में सोमवार को मीणा धर्मशाला सपोटरा में हर्षोल्लास के साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। संस्थान के कोषाध्यक्ष देवीलाल लोकेश नगर ने बताया कि तहसील स्तरीय विश्व आदिवासी समारोह का आयोजन पूर्व विधायक प्रभुलाल पटेल की अध्यक्षता में एवं बद्री गुरुजी के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। आदिवासी वेशभूषा में अपने गण चिन्ह व झंडा के साथ जयकारा लगाते सम्मलित हुए। अतिथियों व समाज के प्रबुद्धजनों ने आराध्य देव मीन भगवान व समाज के प्रणेता बिरसा मुंडा, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और जयपाल मुंडा की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य वक्ता के रूप में बद्री गुरुजी ने आदिवासी समाज में मीणा, गरासिया, सहरिया, भील, संथाल मुंडा के बारे में जानकारी देते हुए जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए एकजुट होकर सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक दृष्टि से मजबूत होकर संघर्ष करने का आह्वान किया। प्रभु पटेल ने समाज के युवाओं को शिक्षित, सक्षम और संगठित होकर समाज के मूल ढांचे को बचाने के लिए तत्पर रहने का संदेश दिया। समाजसेवी इंजीनियर हंसराज बालौती ने संवैधानिक अधिकारों पर प्रकाश डालते हुए सजग रहने युवाओं को नशा जैसे व्यसनों से दूर रहने का संदेश दिया। गिर्राज प्रसाद कुड़ावदा व भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष मोहरसिंह ने समाज उत्थान व एकजुटता पर जोर दिया। रूपसिंह गोरेहार ने विश्व आदिवासी दिवस के बारे में जानकारी दी और कहा कि इसके माध्यम से शोषण के विरुद्ध आवाज उठाकर अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए आदिवासियों का एकजुट होना शुरू हो गया है। राजकुमार वीलवाड़ा ने समाज में व्याप्त कुरीतियों पर अंकुश लगाने व आगामी समारोह को विशाल रूप से मनाने पर जोर दिया। सभा को राजस्थान आदिवासी मीणा महासभा सपोटरा अध्यक्ष रामधन डाबर व ब्लॉक हाडोती अध्यक्ष कालूलाल पहाड़पुरा एवं पीतूपुरा के श्रीमोहन मीना, प्रेमराज डाबरा, रामावतार पहाड़पुरा ने भी संबोधित किया। हरिलाल खूबपुरा, हरि बगदिया, रामस्वरूप चौधरी, मुकेश चंद्र ओड़च, हंसराज एकट, घनश्याम, भरतलाल जोड़ली, हंसराज मांगरोल, लखनलाल, हरिकेश वकील, प्रकाश चंद, घनश्याम जिरौता, लालजी गोठरा, नारायण पटेल, दिलराज, महेश, मुन्ना राहीर आदि मौजूद थे। अंत में कोरोना महामारी के चलते दिवंगत आत्माओं दो मिनट का मौन रख कर श्रृद्धांजलि प्रदान की गई।