कृषि कानूनों के विरोध में पिछले तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन चल रहा है। इसी कड़ी में सीकर जिले के सरदार शहर जिला चूरू में 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक किसान महापंचात होने जा रही है। इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत भी शामिल होंगे। इससे पहले सोमवार को हरियाणा के खरखौदा में सोमवार को सर्वजातीय किसान महापंचायत हुई। खरखौदा स्थित अनाज मंडी परिसर में महापंचायत में शामिल होने के लिए भीड़ा जमा हो गई। इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा भीड़ से कानून नहीं बदलने की बात कहने वालों को ये नहीं पता कि भीड़ सरकार को भी बदल देती है।
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टिकैत ने कहा कि कि अभी तो युवाओं ने कानून वापस लेने की बात कही है। उस समय क्या होगा जब युवा सत्ता वापसी की मांग करेंगे। लड़ाई केवल तीन कृषि कानूनों की नहीं है। बल्कि बहुत सारे और कानून आने है्ं। उन कानूनों के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी जाएगी। 26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद से अब तक कोई चर्चा नहीं हो सकी है। इससे पहले ट्रैक्टर मार्च और फिर 6 फरवरी को देशव्यापी चक्का जाम आयोजित किया गया था।
बता दें कि दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद आंदोलन फिर से तेज करने की तैयारी है। की गति धीमी पड़ी थी। वहीं राकेश टिकैत के आंसुओं ने आंदोलन में जान फूंकी। इसके बाद पश्चिमी यूपी से लेकर पंजाब-हरियाणा तक में किसानों की महापंचायतें हो रही है।
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