खेल दिवस: प्रतिभाओं को खेल सुविधाओं की है दरकार

गंगापुरसिटी। हॉकी के जादूगर कहे जाने वाने मेजर ध्यानचंद की जयन्ती के उपलक्ष्य में प्रति वर्ष 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य देश में खेलों को बढ़ावा देने का है। हाल ही ओलम्पिक खेलों में भारत को कई पदक मिलने के बाद देश में खेलों के प्रति रूझान व उत्साह बढ़ा है, लेकिन क्षेत्र में अभी भी खेल सुविधाओं का अभाव है। खेल सुविधाएं मिलने पर क्षेत्र की प्रतिभाओं को आगे बढऩे का मौका मिलने पर वे क्षेत्र और स्वयं का नाम रोशन कर सकती है। खेल दिवस पर जाने खेल से जुड़े व्यक्तियों के क्या है विचार…..
उचित मार्गदर्शन जरूरी
राजस्थान टेनिस बॉल संघ के उपाध्यक्ष व शारीरिक शिक्षक शफी मोहम्मद का कहना है कि प्रारंभिक शिक्षा के साथ ही खेल मैदानों व खेल उपकरणों के साथ अच्छे दक्ष प्रशिक्षकों का मार्गदर्शन मिले तो हमारी खेल प्रतिभाएं देश का नाम रोशन कर सकती है। खेल प्रतिभाओं को निखारने में उचित मार्गदर्शन का बड़ा योगदान रहता है।
सुविधा मिलनी चाहिए
खेल प्रेमी जितेन्द्र उपाध्याय का कहना है कि जिला खेलकूद संघों से अच्छे कोच लगने चाहिए। साथ ही खिलाडिय़ों को पूर्ण सुविधाएं मिलनी चाहिए। क्रिकेट, हॉकी, बैडमिंटन, एथेलेटिक्स, फूटबॉल आदि खेलों में खिलाडिय़ों को उचित प्लेटफार्म मिले तो वे आगे अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। बस उन्हें तराशने और सुविधा देने की जरूरत है।