
कोरोना महामारी के बारे में चिंता के चलते लोगों ने जहां एक ओर खुद को घरों में कैद रखना शुरू कर दिया। वहीं दूसरी ओर लोगों ने शराब का सेवन भी बढ़ा दिया है। लंदन के किंग्स कॉलेज अस्पताल में लीवर यूनिट के सर्वे में यह बात सामने आई है।
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इसके मुताबिक महामारी काल के दौरान अस्पताल में भर्ती होने वाले एआरएलडी रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जो कि शराब से होने वाली यकृत संबंधी बीमारियों से ज्यादा ग्रसित थे।
विशेषज्ञों के बीच अब यह एक चिंता का विषय बना हुआ है कि कई लोग महामारी के बारे में चिंता करने के कारण ज्यादा पी रहे हैं। किंग्स कॉलेज अस्पताल में लीवर यूनिट के सर्वे के अनुसार, इस साल जून 2020 में जून 2019 की तुलना में इन बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। ऐसे रोगियों की संख्या में 48.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जिसमें से करीब एक चौथाई लोगों को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के द्वारा किए गए एक हालिया विश्लेषण के अनुसार कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लागू कोविद लॉकडाउन के बाद फरवरी और मार्च के बीच अत्यधिक पीने वाले लोगों की संख्या दोगुनी हो गई।
गौरतलब है कि एआरएलडी का तात्पर्य अत्यधिक शराब के सेवन से यकृत को होने वाली क्षति से है। आंकड़ों के मुताबिक हर साल लगभग 8,000 लोग इस गंभीर स्थिति से मर जाते हैं।
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