साहित्य संस्कृति का वाहक – तत्पुरुष

गंगापुर सिटी। साहित्य संस्कृति का वाहक है। हमें हमेशा अच्छे साहित्य का अध्ययन करना चाहिए, क्योंकि साहित्य से ही संस्कार आते हैं। साहित्य शब्द साधना है और शब्द ही बह्मा हैं। ये विचार राजस्थान साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. इंदुशेखर तत्पुरुष ने नरेंद्र मोदी का निर्माण – चायवाला से चौकीदार पुस्तक के लोकार्पण समारोह के अवसर पर व्यक्तकिए।
डॉ. तत्पुरुष ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार डॉ. गोपीनाथ चर्चित ने की, जिन्होंने पुस्तक की गहराई और उसके संदेश पर विस्तार से चर्चा की। सरस्वती वंदना कृपाशंकर उपाध्याय द्वारा की गई।
यू-ट्यूबर और जंबू टॉक्स के संस्थापक, गंगापुर सिटी के मूल निवासी निधीश गोयल ने अपनी प्रस्तुति में श्रोताओं का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने पुस्तक के कुछ अंश सुनाए और उसकी समीक्षा भी की। कवि एवं लेखक व्यग्र पांडे ने लेखक का परिचय देते हुए डॉ. मुकेश असीमित की साहित्यिक यात्रा और शैक्षणिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता डॉ. बृजेंद्र सिंह गुर्जर ने पुस्तक के संदेश और उसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
विशिष्ट अतिथि सभापति शिवरतन अग्रवाल और व्यंग्यकार हनुमान मुक्त ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. मुकेश असीमित और उनके पिता महादेव प्रसाद प्रेमी ने अतिथियों का माला और साफा पहनाकर स्वागत किया। साहित्य परिषद् से पधारे रचनाकारों, कवियों और शहर के वरिष्ठ प्रबुद्धजनों का भी तिलक और दुपट्टे से अभिनंदन किया गया।
डॉ. मुकेश असीमित ने अतिथियों के स्वागत में अपनी स्वरचित कविता प्रस्तुत की, जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा। अपने वक्तव्य में उन्होंने बताया कि उनकी लेखनी मुख्य रूप से व्यंग्य-संस्मरणों पर आधारित है। लेकिन 2001 से नरेंद्र मोदी जी के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर उन्होंने उनके बारे में निरंतर अध्ययन किया। 2019 में कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन में यह पुस्तक लिखने का विचार आया। उन्होंने बताया कि पुस्तक को छह खंडों में विभाजित किया गया है और हर खंड को भागवत गीता के श्लोकों के माध्यम से मोदी के जीवन के कार्ययोगी सिद्धांतों से जोड़ा गया है।
इस अवसर पर शहर के गणमान्य लोग, लॉयंस क्लब सार्थक और क्लब 91 के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे। लायंस क्लब सार्थक ने डॉ. मुकेश असीमित और उनके पिता महादेव प्रसाद प्रेमी को शॉल और मोमेंटो भेंटकर सम्मानित किया।
मंच संचालन शिक्षाविद एवं साहित्यकार विकास कुमार शर्मा ने किया।
पुस्तक के विमोचन समारोह ने साहित्य, संस्कृति और प्रेरणादायक व्यक्तित्व की एक अविस्मरणीय छवि प्रस्तुत की।